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Monday, 17 July 2017

Mother day essay

मातृ-दिवस पर निबंध  (300 शब्द)

मदर्स डे बच्चे और माँ दोनों के लिये वर्ष का एक बहुत ही खास दिन है। भारत में ये पिछले कई वर्षों से मई महीने के दूसरे रविवार को मनाया जाता है। माताओं को आमंत्रण के द्वारा स्कूल में शिक्षकों और विद्यार्थीयों के द्वारा इसे मनाया जाता है। अपनी माँ को खुश करने के लिये विद्यार्थी बहुत सारे सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेते है। स्कूल शिक्षक और प्रधानाध्यापक के आदेश पर उनके बच्चों के द्वारा माताओं को खासतौर से निमंत्रित किया जाता है। इस दिन पर माँ को उनके बच्चों के द्वारा ढ़ेर सारा प्यार और उपहार मिलता है। बच्चे अपनी माँ के लिये हिन्दी या इंग्लिश में खास कविता व्याख्यान या संवाद तैयार करते है।
हमारे प्रतिदिन के जीवन में माँ के योगदान को विशिष्ट रुप से दर्शाने के लिये विभिन्न देशों में अलग-अलग दिनों में मातृ-दिवस को मनाया जाता है। एक बच्चे को जन्म देने से लेकर उसे एक अच्छा इंसान बनाने तक सभी पड़ावों में माँ अपने बच्चों के जीवन में बहुत अहम भूमिका निभाती है। ये केवल माँ ही है जो अपने बच्चे के चरित्र और पूरे जीवन को आकार देती है। सभी माँ अपने बच्चे की वृद्धि और विकास में महत्वपूर्णं भूमिका अदा करती है। वो हर एक चीज का ध्यान रखती है जो उसके बच्चे की जरुरत हो। सुबह उठने से लेकर रात के सोने तक वो खुद को अपने बच्चे के लिये पूरी तरह जिम्मेदार समझती है।
हमारी माँ हमें सुबह जल्दी उठाती है, ब्रश और नहाने में मदद करती है, नाश्ते और स्कूल के लिये लंच तैयार करना, ड्रेस पहनाना, हमारे पीटीएम में जाना, गृह कार्य में मदद करना, समय पर खाना, दूध और फल देना, बीमार होने पर सही समय पर दवाईयाँ देना तथा ढ़ेर सारे लज़ीज़ पकवान बनाना, कपड़े धोना और इस्त्री करना, हमारे साथ घर या मैदान में फुटबॉल खेलना, रात में सही समय पर सुला देना, रात का अच्छा खाना बनाना और ढ़ेर सारे क्रियाओं से हमारे जीवन को सफल बनाती है। वास्तव में हम अपनी माँ के रोज के कार्यों की गणना नहीं कर सकते। वह पूरे दिन हमारे लिये असीमित कार्य करती है। परिवार के सभी सदस्यों के सभी कार्यों के लिये सिर्फ वह ही जिम्मेदार होती है। इसलिये हमलोग आसानी से कह सकते है कि माँ महान होती है।

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